The story of the clever goat and the fox.चतुर बकरी और लोमड़ी की कहानी।
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एक गांव में एक बकरी अपने दो बच्चों के साथ रहती थी। वह बकरी होशियार और समझदार थी। वह बकरी अपने दोनों बच्चों को दिनभर घास खाना और अच्छी दोस्ती करना सिखाती थी। और साथ ही यह भी बताती थी। कि उस सामने वाले जंगल में कभी मत जाना। उस जंगल में शेर राजा अपनी पत्नी और बच्चो के साथ रहते हैं। और भी जंगली जानवर उसी जंगल में रहते हैं। और इस जंगल में जो भी जाता है उसको पकड़ कर मार डालते हैं। और फिर खा जाते हैं। तो फिर दोनों बच्चा बोले मां हम ध्यान रखेंगे। और कभी भी इस जंगल में नहीं जाएंगे। उन दोनों में से एक बच्चा बहुत अच्छा था। दूसरा बच्चा बहुत घमंडी और शैतान था। और उसका नाम था गोपी। गोपी अपनी मां से बिना बताए उस जंगल में चला गया। और वह जंगल में जाकर उसने देखा। कि वहां पर बहुत अच्छी घास लगी है।
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और वह सोचने लगता है कि आज इतनी अच्छी खास खाकर बहुत आनंद आएगा। और फिर सोचा कि मगर इतनी अच्छी यहां पर घास लगी है। फिर भी मां हमको यहां पर आने से मना करती थी। फिर उसने यह सोचकर वह बच्चा खास आने लगा। और यह भी सोच रहा था। आज घास इतनी अच्छी खा लू और फिर यहां से चला जाऊंगा। और फिर यहां पर कभी भी नहीं आऊगा। वह बच्चा यह सोच ही रहा था। और तभी एक लोमड़ी आ गई। वह लोमड़ी बकरी के बच्चे गोपी को देखा। और लोमड़ी के मुंह में पानी आ गया। और सोचने लगी कि इतना अच्छा बकरी का बच्चा। आज तो इसको खाकर मजा ही आ जाएगा। आज का यह दिन कितना अच्छा है। और सोचने लगी कि आज मेरी शादी की पार्टी है लगता है। या किसी की शादी की पार्टी हो। और यह सोचकर वह बकरी का बच्चा गोपी को खाने चली।
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और तभी गोपी बकरी का बच्चा लोमड़ी को देख लेता है। और वह गोपी बकरी का बच्चा चिल्लाने लगता है। और जब बकरी अपने बच्चे की आवाज सुनी है। तब वह परेशान हो जाती है। और तुरंत जंगल की ओर भाग पड़ी। और वह बकरी अपने बच्चे के पास आप आ गई। और लोमड़ी बच्चा को खाने ही जा रही थी। वाह बकरी बहुत समझदार थी। तो बकरी बोली अरे लोमड़ी बेटी। तुम मुझको यह बताओ कि शेर राजा हम दोनों को अभी बुलाया है। तो लोमड़ी बोली कैसा शेर कहां है शेर हमारे सामने लाओ। मैं जानती हूं की तुम हमको झूठ बता रही हो। ताकि मैं यहां से चली जाऊं और तुम यहां से भाग जाओ। तो बकरी बोली शेर राजा के हम दोनों भोजन हैं। और शेर राजा हम दोनों को यहां पर बैठा गए हैं। और कहा है। कि जब तक मैं वापस ना आ जाऊं तब तक यहां से कहीं मत जाना।
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और गुफा में जाकर देखा आता हूं कि उनकी शेरनी गुफा में है कि नहीं। मैं तुम दोनों को अपनी शेरनी के लिए लै जाऊगा। और साथ में यह भी कहा था। कि तुमको जो अगर कोई भी खाएगा तो हम उसको जिंदा नहीं छोड़ेंगे। तो लोमड़ी बोली मैं कैसे मान लूं कि तुमको शेर राजा यहां छोड़ गए हैं। तो बकरी बोली वो देखो शेर राजा हमारी देखभाल के लिए उस कौआ को यहां पर छोड़ गए हैं। तुम चाहे जितनी कोशिश कर लो मगर कौआ यहां से कहीं नहीं जाएगा। यह सुनकर लोमड़ी बोले तुम सच कह रही हो। मैं वहां से चली जाती हूं। और फिर लोमड़ी वहां से चली जाती है। और फिर बकरी अपने बच्चे की जॉन बच गई। या देखकर वाह से अपने बच्चे को लेकर वहां से भाग जाती है। बकरी अपने घर आ जाती है घर बकरी का दूसरा बच्चा। वह अपनी मां और अपने भाई को देखकर वह भी बहुत खुश हो जाता है।
शिक्षा दोस्तों हमेशा मुसीबत के समय बुड्ढी से काम लेना चाहिए
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